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कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री दिनेश जैन द्वारा नीमच जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया। पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत जिले में पेयजल प्रयोजन को छोड़कर अन्य प्रयोजनों के लिए नलकूप खनन पर लगाया प्रतिबंध।

नीमच- कार्यपालन यंत्री, लीक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नीमच द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अनुसार जिले में औसत वर्षा 812.00 मि.मी. के स्थान पर इस वर्ष वर्तमान तक कुल 738.60 मि.मी. वर्षा हुई है. जो कि औसत वर्षा के विरूद्ध 9.046 प्रतिशत कम है, जिससे भूजल में पुर्नभरण सीमा की पूर्ति नहीं हो पाई है, एवं कृषकों द्वारा कृषि सिंचाई के कारण भी भूजल स्त्रोतों में कमी होती जा रही है, जिससे आगामी ग्रीष्म ऋतु में जिले में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है। मेरे द्वारा स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है, कि यदि जिले में वर्तमान जल स्त्रोतों में उपलब्ध जल का पेयजल के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों के लिये उपयोग किये जाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो जिले में गंभीर पेयजल संकट और संत्रास उत्पन्न होने की संभावना है।

1. अतएव मैं दिनेश जैन, कलेक्टर एवं दण्डाधिकारी जिला नीमच म.प्र. पेयजल परीरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2022 में धारा 3 के अन्तर्गत नीमच जिले को “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” घोषित करता हूँ और धारा 4 (1) के अन्तर्गत जिले के समस्त स्त्रोतों, यथा बांध, नदी, नहर, जलधारा, झरना, झील, जलाशय, नाला, नलकूप या कुओं एवं किसी भी साधन से घरेलू प्रयोजन (पेयजल को छोडकर) के लिये (पूर्व अनुमति को छोडकर) जल उपयोग करने के लिये प्रतिबंधित किया जाता है।

2. जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट एवं आगामी ग्रीष्म ऋतु में गंभीर पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए धारा 6 (1) के अन्तर्गत संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर प्रतिबंध लगाया जाता है।

3. नीमच जिले की सीमा क्षेत्र में नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सडकों से गुजरने वाली मशीनों को छोडकर) और न ही बिना अनुमति के कोई खनन करेगी।

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4. प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीनों जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप/बोरिंग का प्रयास कर रही (विभागीय पेयजल हेतु को छोडकर) मशीनों को जप्त कर पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार एवं जप्त की गई मशीनें तहसीलदार के अधिपत्य में रहेगी।

5. इस अधिसूचना का उल्लघंन करने पर म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3, धारा 4 या धारा 6 के उपबंध का उल्लघंन, प्रथम अपराध के लिये पांच हजार रूपये के जुर्माने से और पश्चातवर्ती प्रत्येक उपराध के लिये दस हजार रूपये के जुर्माने से या कारावास से, जो दो वर्ष तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।

6. मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण 1986 (क्रमांकं सन् 1987) की धारा (3) की कंडिका-5 अन्तर्गत कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नीमच को अधिनियम के अन्तर्गत पारित आदेशों का पालन उनके संबंधित क्षेत्रों में सुनिश्चित करने हेतु अधिकृत करती है।

यह आदेश आज दिनांक से लागू होगा तथा 31 जुलाई 2024 तक प्रभावशील रहेगा।

AKHAND BHARAT NEWS

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